देहुरीधार पंचायत में पेयजल को हाहाकार

कुल्लू। सैंज घाटी की देहुरीधार पंचायत के आधा दर्जन गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। गांवों के अलावा एक प्राइमरी और मिडिल स्कूल में भी पानी की सप्लाई नहीं पहुंच रही है । इस कारण स्कूली बच्चों को परेशानी हो रही है। पंचायत के गांवों और स्कूलों के लिए जोड़ी गई भीती-नियारी पेयजल योजना 25 साल पुरानी होने के कारण यह समस्या आई है। हालत यह है कि जंग खा चुकी पाइपों से गांव और स्कूलों में पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंच रही है। अगर कभी-कभार पानी आता भी है तो गंदा होने के कारण पाने लायक नहीं होता है। पानी की इस समस्या से जहां ग्रामीणों को कड़ाके की ठंड में समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। वहीं, मिडिल स्कूल सिहीन और प्राइमरी स्कूल सिहीन में मिड डे मील परोसना मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों को अपने गुजारे के लिए तीन किलोमीटर दूर गनियाड़ी से पानी ढोना पड़ रहा है। पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसते ग्रामीणों और प्राइमरी स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान महेंद्र सिंह और एसएमसी मिडिल स्कूल सिहीन के प्रधान प्रेम सिंह ने इस बारे में आईपीएच के अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया है। एसएमसी प्रधान महेंद्र सिंह, प्रेम सिंह, ग्रामीण गोपाल और मोती राम ने कहा कि भीती से नियारी तक दो किलोमीटर लंबी यह पेयजल योजना भीती, सिहीन, डुघा, रूआड़, सरीम और नियारी गांवों के अलावा प्राइमरी स्कूल सिहीन और मिडिल स्कूल सिहीन को जोड़ती है। पेयजल योजना 25 साल पुरानी होने के कारण जगह-जगह से पाइपें टूटी पड़ी हैं और जंग खा चुकी हैं। उन्होंने विभाग से जल्द इस लाइन को बदलने की मांग की है।

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